ईमानदारी का इनाम
छोटी सी कहानी: "ईमानदारी का इनाम"
एक छोटे से गाँव में राजू नाम का लड़का रहता था। वह बहुत गरीब था, लेकिन ईमानदार और मेहनती भी था। रोज़ वह अपने पिता के साथ खेतों में काम करता और गाँव के स्कूल में पढ़ाई भी करता।
एक दिन स्कूल से लौटते समय राजू को रास्ते में एक पुराना बटुआ मिला। उसने बटुए को उठाया और देखा कि उसमें पैसे और एक पहचान पत्र था। राजू ने बिना देर किए, उस पहचान पत्र में लिखे पते पर जाकर बटुआ लौटाने का निश्चय किया।
वह चलकर शहर गया और घर-घर पूछते हुए अंत में उस आदमी के पास पहुँचा। वह आदमी एक अमीर व्यापारी था, जो बहुत परेशान था क्योंकि उसका बटुआ खो गया था। जब राजू ने बटुआ लौटाया, तो व्यापारी ने पहले आश्चर्य जताया और फिर बहुत खुश हुआ।
व्यापारी ने राजू को इनाम में पैसे देने चाहे, लेकिन राजू ने कहा,
"मैंने यह काम पैसे के लिए नहीं किया, यह तो मेरा फ़र्ज़ था।"
राजू की ईमानदारी से प्रभावित होकर व्यापारी ने उसके पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का वादा किया। सालों बाद, वही राजू एक बड़ा अफसर बना और गाँव में स्कूल और अस्पताल बनवाए।
सीख:
ईमानदारी हमेशा फल देती है, चाहे रास्ता कठिन ही क्यों न हो।
अगर आप चाहें तो मैं इसी कहानी का अंग्रेज़ी अनुवाद या इसी शैली में एक और कहानी भी
बना सकता हूँ।
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